

कातिल अमिताभ....?
अमिताभ का अग्निपथ........
सिखों के घरों पर पड़े यह खून के छींटे किस के......हैं ?
ये जहरीले सांप कौन .......हैं?
यह अमिताभ है !
यह अमिताभ बच्चन है !
अमिताभ बच्चन को पहचानिए......?
भाइयो ! मैंने आपसे प्रार्थना ही की थी कि अमिताभ बच्चन जून में टोरंटो आ रहा है और आप सब इसका मानवीय आधार पर विरोध करें क्योंकि यह मनुष्यता का हत्यारा है ! इस की वजह से हजारों बेगुनाहों का कत्ल हुआ ! अभी तो २०११ शुरू ही हुआ है और यह कायर अभी से भाग खड़ा हुआ? इसने आई आई एफ ए छोड़ दी - इस्तीफा दे दिया उसकी सदस्यता से, क्योंकि इसे आप के द्वारा विरोध प्रदर्शन का खतरा था ? खतरा था इसे कि इसका सत्य कनाडा में उजागर हो जाएगा- दुनिया जान जाएगी कि वास्तव में यह १९८४ में सिखों का एक कातिल है?
बहाना तो इसने सलमान खान का बनाया है पर सत्य से आप वाकिफ है, मैंने सभी ब्लोग्स पर और ट्वीटर पर आप सब को इसके विरोध का आह्वान किया था जिस से यह कायर डर गया ! फिर भी इसका भरोसा मत कीजिएगा और तैयार रहिए इसकी किसी भी चालाकी का जवाब देने के लिए - क्योंकि यह माहिर है दगाबाजी करने में ! यह फिर भी कनाडा आ सकता है-- यदि यह आए तो इसका स्वागत कीजिए लेकिन जूतों से !
आप पूर्व में भी सफलता पूर्वक कमल नाथ की कनाडा यात्रा का विरोध कर चुके हैं, जिस से भारत सरकार और इसके मंत्री मंडल में खलबली मच गई थी, आप ही के प्रयत्नों से अमेरिका में इस कातिल एवं षडय्न्त्रकारी मंत्री- भारत सरकार-कमल नाथ के विरुद्ध अदालती आदेश जारी हुआ था---साधुवाद है आपको !

अमिताभ बच्चन, भारतीय सिने जगत का एक चमकता सितारा और एक कातिल ? जी हाँ परन्तु कातिल तो वोह कहला सकता है जिस ने एक, दो , तीन या अधिक क़त्ल किये हों? यह तो एक नर पिशाच है--- इसने १९८४ में सिखों का कत्लेआम करने के लिए भारतीय सरकार द्वारा संचालित एकमात्र टी वी चैनल दूर दर्शन का सहारा लिया ! अपने सीधे प्रसारण में इसने हिन्दुओं को सिखों का खून करने के लिए कहा! यह मात्र एक अफवाह नहीं--कड़वा सत्य है ! इसने दूर दर्शन पर आकर सिखों के विरुद्ध नारे लगाए कि, " खून का बदला खून" और यह नारों का प्रसारण रुक रुक कर ३ दिन तक इस चैनल द्वारा प्रसारित किया गया !
अमिताभ बच्चन एक 'एंग्री यंग मैन' के रूप में भारतीय जन मानस में अत्यधिक लोकप्रिय था, इसके चाहने वालों में सभी वर्गों व् धर्मों के लोग थे. इसका सम्बन्ध भारत के शासक परिवार व् तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी से था और इसी लिए इसकी फिल्मों को सेंसर बोर्ड से शीघ्र अनुमति मिल जाती थी और इस कारण यह अति शीघ्र लोकप्रियता की बुलंदियों पर जा बैठा, इसका किसी फिल्म में होना ही सफलता की गारंटी बन गया था !
इंदिरा गाँधी के कत्ल के पश्चात उनका बेटा राजीव गांधी प्रधान मंत्री नियुक्त हुआ, उसने अपनी माँ का बदला लेने के लिए भारतीय सेना व् पुलिस का दुरुपयोग किया ! तीन दिनों तक कत्लों का सिलसिला जारी रहा ! कांग्रेस के कई मंत्रियों ने खुल कर इस ख़ूनी खेल में अपना सहयोग दिया जिसमें से कुछ नाम हैं---हरि किशन लाल भगत, जगदीश टाईटलर, सज्जन कुमार, कमल नाथ, ललित माकन, धर्म दास शास्त्री और अमिताभ बच्चन !
बाकी सब तो अपने अपने इलाके के कुत्ते थे जिन्होंने अपने- अपने इलाकों में कत्लेआम करवाया परन्तु अमिताभ- जो कि सिने जगत का एक जाना पहचाना नाम था, इसने सर्व प्रथम टी वी पर आकर जो संदेश दिया (घ्रणित) , उस से सम्पूर्ण भारत में अनेक शहरों में, रेल गाड़ियों में, बसों में सिखों पर जानलेवा हमले हुए ! पूरे देश में लग भग २०,००० से ज्यादा सिखों को कत्ल किया गया! इस प्रकार इस नर पिशाच की खून की प्यास बुझी ( बुझी कि नहीं - यह भी उसे ही पता होगा) ! अनगिनत सिख महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया, उनके बच्चों को भी नहीं छोड़ा गया, उन्हें भी जलाया गया (जिस का प्रमाण तस्वीरों में स्पष्ट है), उनकी चल व् अचल सम्पत्ति को आग लगा दी गयी या लूट लिया गया !
एक सिख बच्ची, जिसे हिन्दुओं द्वारा आग में ज़िंदा जलाने की कोशिश की गई
एक सिख बच्ची, जिसे १९८४ में हिन्दुओं द्वारा जीवित ही आग के हवाले कर दिया गया था
१९८४ से लेकर आज २६ वर्ष बीत चुके हैं परन्तु अभी तक किसी मुख्य आरोपी को न तो पकड़ा गया और न ही कोई सज़ा मिली? इस भारतीय न्यायिक प्रणाली से हमारा तो विश्वास ही उठ चुका है! हजारों की संख्या में बेगुनाह लोगों का कत्ल किया गया परन्तु कोई इंसाफ नहीं-क्या यही गणतन्त्र है ? क्या ऐसी सरकार लोकप्रिय कहला सकती है? प्रथम तो यह सरकार स्वयं को कटघरे में रख कर देखे कि क्या यह उस विशेष वर्ग के साथ ज्यादती तो नहीं कर रही जिस वर्ग ने स्वतन्त्रता आन्दोलन में सब से अधिक कुर्बानियां दी? यदि सिखों का और अन्य भारतीय समुदाय का अनुपात देखें तो वह सिर्फ २% है परन्तु कुर्बानियां ९३%? अब क्या सरकार आरोपियों को गिरफ्तार न करके सिखों के प्रति अविश्वास प्रकट नहीं कर रही? और क्या भविष्य में भारत का धार्मिक आधार पर एक और विभाजन को आमंत्रित नहीं कर रही?
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा सुप्रीम कोर्ट के भूतपूर्व सदस्य जस्टिस आर एस नरुला ने भी अमिताभ बच्चन को बिना नाम लिए दोषी करार दिया और स्पष्ट कहा है कि भारत सरकार ने इस जानी मानी हस्ती पर कोई कारवाई क्यों नहीं की ? सिर्फ नाम न लेकर (क्योंकि यदि एक न्यायाधीश यदि नाम ले लेता है तो जुर्म स्पष्ट हो उठता है, भले ही न्यायाधीश की कोई भी मजबूरी हो) बाकी घटनाओं का विवरण स्पष्ट है जो सीधे अमिताभ को गुनहगार साबित करते हैं ! यदि अमिताभ निर्दोष है तो अपनी सफाई दे, वह क्यों देश की जनता को सच्चाई बयान नहीं करता? उसे सत्य बताना चाहिए !
मैंने एक कोशिश की थी इस के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में परन्तु मेरी अर्जी पर सुनवाई नहीं हुई ! इसका अंदेशा तो मुझे पहले से ही था परन्तु अपने मन की तसल्ली के लिए ही मैंने वह अर्जी लगाईं थी ! कृपया प्रमाण देखें..
इसलिए सिखों को कोई भी कार्रवाई करनी है तो वह विदेशों से ही हो सकती है, भारत सरकार इस पर और अपने उन सभी गुनहगारों पर जो १९८४ में सिखों के कत्लेआम में शामिल थे - कोई कार्रवाई नहीं करेगी !
इस कारण विवश हो कर सिखों ने विदेशों में अपनी आवाज़ बुलंद करनी शुरू कर दी है जिस से भारत सरकार एवं भारतीय न्यायिक व्यवस्था की बदनामी हो और अब इसी आवाज़ को लेकर सिख यूनाईटेड नेशंस में जाने की तैयारी कर रहे हैं, जिसकी विशेष अनुमति उन्हें --सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक समिति द्वारा मिल चुकी है (यह तस्वीर देखें...) :--
इससे पूर्व में कमल नाथ--मंत्री भारत सरकार के विरुद्ध भी अमेरिकी न्यायालय से सम्मान जारी हुआ था (संलग्नित प्रमाण देखें....)
हमारी कोशिश होगी कि अति शीघ्र अमिताभ बच्चन के विरुद्ध भी एक अदालती आदेश अमेरिका या कनाडा से जारी हो क्योंकि भारत में तो यह सम्भव नहीं,
और यह हमने सम्भव कर दिखाया है - अमिताभ पर एक मुकदमा आस्ट्रेलिया में दर्ज हो गया है
लेखक एवं आँखों-देखी प्रस्तुत कर्ता ;
अजमेर सिंह रंधावा
0091-9818610698.
0091-9818610698.
Please visit ;
http://khoonkabadlakhoon.blogspot.in/
http://khoonkabadlakhoon.blogspot.in/
http://www.youtube.com/watch?v=wDgPwxt24hY (Link to view the video on Youtube)